या अल्लाह तेरे घर में देरे है मगर अंधेर नहीं है।
तेरे रास्ते में खुसी है मगर गम नहीं है।
तेरे आँगन में हलाल है मगर हराम नहीं है।
तेरे सजदे में जन्नत है मगर जोजक नहीं है।
ये ईमान वालो अल्ला और उनके प्यारे नबी महम्मद रासुलिल्ला के सुन्नतो पर चलकर,
दुनिया और आखिरत को कामियाब बनालो।
दादू